किस्से

कभी उठाते थे कचरा मगर आज हैं टॉप खिलाड़ी, जानिए क्रिस गेल कैसे बन गए दुनिया के मशहूर क्रिकेटर

क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम के झंडे गाड़ना हर किसी व्यक्ति के लिए आसान नहीं है। इस खेल में शानदार प्रदर्शन दिखाकर लोगों को कम खिलाड़ी प्रभावित कर पाते हैं। लेकिन आज हम आपको जिस खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं उसने क्रिकेट की दुनिया में कड़ी मेहनत कर अपनी अलग पहचान बनाई। आज हम बात करेंगे मशहूर क्रिकेटर ‘क्रिस गेल’ के बारे में खास। आज वो बुलंदियों के जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। वह जब मैदान में उतरते हैं तो उनकी बल्लेबाजी से गेंदबाजों के पसीने छूट जाते हैं।

क्रिस गेल हैं शानदार खिलाड़ी

क्रिस गेल जब खेल के मैदान में उतरते हैं तो उन्हें देखकर पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठता है। उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी के दर्शक भी खूब दीवाने हैं। वह एक ऐसे बल्लेबाज हैं जिनके आगे कोई भी गेंदबाज ज्यादा समय तक टिका नहीं रह सकता। उन्हें मैदान में देखते ही विरोधी टीम की हालत बुरी तरह से खराब हो जाती है। उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं। बात अगर T-20 की करें तो उसमें उन्होंने ऐसे कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं, जहां तक पहुंच पाना हर खिलाड़ी के लिए आसान बात नहीं है। ज्यादा बल्लेबाज इस मुकाम पर पहुंचने का सपना देखते हैं, लेकिन हर किसी की किस्मत क्रिस गेल जितनी तेज नहीं है। आज वो अपनी जिंदगी में बहुत ज्यादा सफल हैं, लेकिन यहां तक पहुंच पाना उनके लिए आसान नहीं था।

पैसों के लिए उठाते थे कचरा

आज दुनिया भर में कई सफल लोग मौजूद हैं, लेकिन उनके हौसले बुलंद थे इसी कारण वो उन ऊचाईयों पर पहुंच सके। शायद ही आप लोग इस बात से वाकिफ हो कि क्रिस गेल को गरीबी के चलते जगह-जगह से कचरा तक उठाना पड़ता था। 21 सितंबर 1979 को वेस्टइंडीज के जमैका में जन्में क्रिस गेल का बचपन गरीबी और मुश्किलों में बीता। बता दें कि उनके पिता जी डूडले गेल एक पुलिसकर्मी थे और उनकी मां सड़क के किनारे मूंगफली बेचा करतीं थीं। उन दिनों क्रिस गेल का परिवार एक झोपड़ी में रहता था। क्रिस गेल ने बचपन से ही अपने परिवार के साथ काम में हाथ बटाना शुरु कर दिया था। इस दौरान वो कबाड़ा बीनते थे और उसे बेचकर पैसे कमाते थे। कई बार तो उन्हें रात भर भूखे पेट सोना पड़ता था। इस गरीबी के चलते वो अपनी पढ़ाई भी पूरी नहीं कर सके।

क्रिस गेल के हौसले रहे बुलंद

KOLKATA, WEST BENGAL – APRIL 03: Chris Gayle of the West Indies celebrate during the ICC World Twenty20 India 2016 final match between England and West Indies at Eden Gardens on April 3, 2016 in Kolkata, India. (Photo by Jan Kruger-IDI/IDI via Getty Images)

बचपन में क्रिस गेल में गरीबी से भरे मुश्किल दिन देखे। लेकिन उस दौरान उन्होंने अपना हौसला कभी टूटने नहीं दिया। बता दें कि क्रिस बचपन से क्रिकेट के बेहद दीवाने थे। उन्होंने लगातार मेहनत कर गली-मोहल्ले में क्रिकेट का खूब अभ्यास किया। उनकी किस्मत ने उनका साथ दिया और 19 साल की उम्र में उन्हें पहला मैच जमैका की तरफ से खेलने का मौका मिला। साल 1998 में अपने पहले ही मैच में क्रिस ने अपनी बल्लेबाजी का ऐसा कमाल दिखाया की फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज खेल जगत में उनकी अपनी एक अलग पहचान है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © 2021 Udta Ullu

To Top